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न होने दो खंडहर यार गुलाम दरवाजा दो दरवाजा दो दरवाजे हिन्दीकविता hindikavita smboss वृद्ध हैं आशाएं अब भी बाकी हैं पूरी होने दो। पनाह होने की चाहत उम्मीद सुबह होने की

Hindi होने दो Poems