न होने दो खंडहर न होने दो खंडहर
अपनी मदहोश नजरों में मुझे नीलाम होने दो यार, खुश हो जाये जिदंगी मेरी ऐसा अंजाम होने दो अपनी मदहोश नजरों में मुझे नीलाम होने दो यार, खुश हो जाये जिदंगी मेरी ऐसा अंजा...
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
उम्र के पार करके ढेरों वसंत अब वृद्ध अवस्था से जूझ रहा हूं! उम्र के पार करके ढेरों वसंत अब वृद्ध अवस्था से जूझ रहा हूं!
बेइंतेहा मोहब्बत करने की गुस्ताखी की है हमने, तुझे खुद से भी ज्यादा चाहने की कोशिश की बेइंतेहा मोहब्बत करने की गुस्ताखी की है हमने, तुझे खुद से भी ज्यादा चाहने की ...
भूल बैठे हैं वो अंधकार में ही ज़्यादा होती है उम्मीद सुबह के होने की। भूल बैठे हैं वो अंधकार में ही ज़्यादा होती है उम्मीद सुबह के होने की।